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रूद्रप्रयाग एवं नैनीताल को मिला उत्तम जिला अस्पताल का अवार्ड

देहरादून:-  जनपद रूद्रप्रयाग एवं नैनीताल के जिला अस्पतालों को संयुक्त रूप से वर्ष 2021 के लिये उत्तम चिकित्सालय के कायाकल्प पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी क्रम में प्रदेश की कुल 18 चिकित्सा ईकाईयों को अलग-अलग श्रेणियों में कायाकल्प सम्मान मिला। जिनको प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने पुरस्कार की राशि का चैक एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्धारित मानदंडों को पूरा करते हुये राजकीय जिला अस्पतालों को नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) मान्यता के लिये आवेदन करना होगा।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज देहरादून में एक निजी होटल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेशभर की 18 चिकित्सा इकाईयों को अलग-अलग श्रेणी में कायाकल्प सम्मान से पुरस्कृत किया। जिला अस्पताल रूद्रप्रयाग एवं बी0डी0 पाण्डे जिला चिकित्सालय नैनीताल को संयुक्त रूप से प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। जिसमें दोनों चिकित्सालयों को रूपये 25-25 लाख के चैक व प्रमाण पत्र दिये गये।

इसी प्रकार उप जिला चिकित्सालय रूड़की को अपनी श्रेणी में प्रथम तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धौलादेवी एवं गरमपानी को द्वितीय स्थान के लिए सम्मानित किया गया। जिसमें इन चिकित्सालयों को क्रमशः रूपये 15 लाख व रूपये 5-5 लाख के चैक प्रदान किये गये। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र साहिया को बेस्ट ईको फ्रेन्डली श्रेणी में प्रथम आने पर रूपये 6 लाख का चैक देकर सम्मानित किया। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड में सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में कायाकल्प कार्यक्रम शुरू किया गया था।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आगामी दो वर्ष के भीतर राज्य के सभी राजकीय चिकित्सालय नेशनल एक्रिडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स एंड हेल्थ केयर (एनएबीएच) मान्यता के लिये आवेदन करेंगे। प्रथम चरण में जिला एवं उप जिला अस्पतालों को एनएबीएच मान्यता प्राप्त करने के लिए मानकों को पूरा करने को कहा गया है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय विधायक खजान दास ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में पैरामेडिकल एवं टेक्निशियनों की आवश्यकतानुसार तैनाती की जानी चाहिए, ताकि मरीजों को सभी प्रकार की सुविधाएं सुलभ हो सके।

जिला अस्पतालों से रैफर नहीं होंगे मरीज

सम्मान समारोह से पूर्व विभिन्न जनपदों से आये मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक कर जिला एवं उप जिला अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिला एवं उप जिला अस्पतालों को रैफर सेंटर नहीं बनाया जायेगा बल्कि अस्पताल आने वाले 90 फीसदी मरीजों का उपचार वहीं पर करना होगा। इसके लिए उन्होंने जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारियों को तीन दिन में रिपोर्ट तैयार कर महानिदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

विभागीय मंत्री ने कहा कि जिला अस्पतालों में रिक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदों को भरने के लिए महानिदेशालय प्रक्रिया शुरू करेगा। जबकि स्टॉफ नर्स, विभिन्न टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय व सफाई कर्मी के पदों को आउटसोर्स के माध्यम से जनपद स्तर पर भरा जायेगा। उन्होंने कहा कि सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहत्तर बनाने के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जायेगा।

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