उत्तराखंड

मनुष्य की आंतरिक क्षमताओं की खोज एवं विकास में सहायक है यात्राएं- डॉ0 बिष्ट

टिहरी:- यात्रा मानव को उसकी आंतरिक क्षमता क्षमताओं से रूबरू होने उनके विकास में सहायक हैं। यह वक्तव्य श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ हेमंत बिष्ट द्वारा राजकीय महाविद्यालय नरेंद्र नगर में पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित गोष्ठी कृत्रिम रॉक क्लाइंबिंग वॉल प्रशिक्षण एवं ट्रैकिंग कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि दिया गया। डॉ0 बिष्ट ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन, आदिगुरु शंकराचार्य, कोलंबस, वास्कोडिगामा आदि के उद्धरण देकर कहा की महान व्यक्तित्व के निर्माण में यात्राएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजेश कुमार उभान ने कहा उत्तराखंड में पर्यटन का भविष्य स्वर्णिम है तथा क्षेत्र में युवाओं हेतु रोजगार की असीम संभावनाएं हैं । डॉ उभान ने कहा कि पर्यटन के सतत एवं दीर्घकालिक विकास हेतु पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। जी 20 के तहत पर्यावरण संरक्षण के विविध आयाम हेतु पर्यटन विभाग द्वारा ट्रैकिंग कार्यक्रम उक्त व्यक्तव्य को परिलक्षित करता है। महाविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन समिति की संयोजिका डॉ चंदा नौटियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहसिक पर्यटन चरित्र निर्माण व कौशल विकास के साथ ही प्रकृति के प्रति सम्मान की भावना विकसित करने में सहायक है।

इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक डॉ विक्रम बर्तवाल ने अपने संबोधन में नरेंद्र नगर की प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक धरोहर एवं ऋषिकेश से निकटता के कारण नरेंद्रनगर विरासत पर्यटन हेतु सर्वथा उपयुक्त स्थान रखता है। विरासत पर्यटन एवम हेरिटेज वॉक के विकसित स्वरूप की सार्थकता पर् डॉ बर्तवाल ने जोर दिया। कार्यक्रम शुभारंभ सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए पर्यटन विभाग के डॉ संजय महर ने शैक्षिक पर्यटन की विभिन्न विधाओं एवं पर्यटन के माध्यम से रोजगार की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस गोष्ठी में साहसिक पर्यटन एवं रॉक क्लाइंबिंग के प्रशिक्षित विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित अनुराग रावत व अर्जुन पुंडीर द्वारा भी ट्रैकिंग, पथारोहण एवम रॉक क्लाइंबिंग ट्रेनिंग पर संबोधीत किया।

गोष्टी का समापन डॉ विजय प्रकाश भट्ट द्वारा धन्यवाद के साथ हुआ। तत्पश्चात महाविद्यालय के छात्र छात्राओं प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने रॉक क्लाइंबिंग प्रशिक्षकों के सानिध्य में रॉक क्लाइंबिंग वॉल पर आरोहण किया। ज्ञातव्य है कि महाविद्यालय द्वारा 20 मीटर ऊंची एवं 5 मीटर चौड़ी रॉक क्लाइंबिंग वॉल का निर्माण महाविद्यालय परिसर में किया गया है। रॉक क्लाइंबिंग प्रशिक्षण के पश्चात पर्यटन विभाग के छात्र-छात्राओं द्वारा कुंजापुरी परिभ्रमण एवं आरोहण कर कुंजापुरी के ऐतिहासिक महत्व पर विषय विशेषज्ञों विषय विशेषज्ञों की उपस्थिति में ज्ञान हासिल किया। कुंजापुरी ट्रैकिंग कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य के साथ ही शिशुपाल सिंह डॉ संजय कुमार, डॉ0 शैलजा, डॉ0 चंदा, डॉ हिमांशु, डॉ देवेंद्र, डॉ सृचना,अजय पुंडीर, गणेश इत्यादि उपस्थित थे।

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