उत्तराखंड

विधानसभा सत्र के दौरान राज्य आंदोनलकारियों का आरक्षण बिल पेश किया गया…

विधानसभा सत्र के दौरान राज्य आंदोनलकारियों का आरक्षण बिल पेश किया गया था। लेकिन कुछ संशोधन होने के चलते बिल को सर्वसम्मति से प्रवर समिति को भेज दिया गया था।

राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को राजकीय सेवा में क्षैतिज आरक्षण बिल को लेकर आज बुधवार को प्रवर समिति की बैठक हुई। संसदीय कार्य मंत्री एवं प्रवर समिति के अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया कि अंतिम निर्णय लेने के लिए एक और बैठक आयोजित की जाएगी। इसके बाद ही प्रवर समिति अपनी रिपोर्ट विधानसभा स्पीकर को सौंपेगी। इस दौरान बैठक में सभापति डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल, सदस्य विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, मुन्ना सिंह चौहान, भुवन कापड़ी, मोहम्मद शहजाद उपस्थित रहे।

बिल को लेकर अब तक ये हुआ

  • 8 सितंबर- विधानसभा सत्र में आरक्षण बिल को प्रवर समिति को सौंपा।
  • 11 सितंबर- संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में सात सदस्यीय प्रवर समिति के गठन अधिसूचना।
  • 18-सितंबर- प्रवर समिति की पहली बैठक, निर्णय कोई नहीं।
  • 25 सितंबर- समिति का 15 दिन का कार्यकाल पूरा।
  • 25 सितंबर- विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने समिति का कार्यकाल एक माह बढ़ाया।
  • 9 अक्तूबर- प्रवर समिति की दूसरी बैठक स्थगित।
  • 11 अक्तूबर- समिति के अध्यक्ष ने आज फिर बैठक हुई।

बिल में ये प्रमुख संशोधन प्रस्तावित

  • आंदोलन के घायलों व सात दिन अथवा इससे अधिक अवधि तक जेल में रहे आंदोलनकारियों की जगह चिन्हित राज्य आंदोलनकारी होना चाहिए
  • आंदोलनकारियों को लोक सेवा आयोग वाले समूह ग के पदों पर भी सीधी भर्ती में आयु सीमा और चयन प्रक्रिया में एक साल की छूट मिले।
  • लोकसेवा आयोग की सीधी भर्ती में राज्य महिला क्षैतिज आरक्षण की तरह 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलेगा।

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