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मूसा और राव की गिरफ्तारी में देरी जांच एजेंसियों व सरकार के लिए बड़ी चुनौती

देहरादून:- उत्तराखंड राज्य की गरिमा पर बट्टा लगा चुका नकल प्रकरण राज्य सरकार के लिए एक चुनौती बन गया है। लगातार नए नाम सामने आ रहे हैं और गिरफ्तारी का क्रम भी जारी है लेकिन अभी भी कहीं ना कहीं इस प्रकरण से जुड़े बड़े नाम “हिडन मोड” में हैं। वहीं प्रकरण के दो बड़े नाम सादिक मूसा और योगेश्वर रात तक पहुंचने में अभी तक उत्तराखंड एसटीएफ को सफलता नहीं मिल पाई है जिसके बाद दोनों पर इनाम की रकम में उल्लेखनीय तौर पर बढ़ोतरी कर दी गई है।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में हुई नकल और इस प्रकरण से जुड़े माफियाओं की गिरफ्तारी के बावजूद 2 सरगना सादिक मूसा एवं योगेश्वर राव अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं चण पाए हैं। राज्य सरकार ने इन दोनों पर इनाम की रकम ₹25000 से बढ़ाकर क्रमशः 200000 एवं 100000 कर दी है। हालांकि अभी भी दोनों आरोपी राज्य पुलिस की गिरफ्त से बाहर है और जितना देर इनकी गिरफ्तारी में होगी उतनी ही बड़ी परेशानियां भी जांच एजेंसियों के आगे आती रहेगी।
उधर उत्तराखंड के भर्ती प्रकरण को लेकर युवाओं का सब्र भी अब टूट गया है और आज हजारों की तादात में युवाओं ने परीक्षा व्यवस्थाओं की खामियों पर सवाल उठाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया।

वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस पूरे प्रकरण से निश्चित तौर पर चिंता में तो होंगे ही लेकिन बावजूद इसके वे नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई भी अवसर छोड़ नहीं रहे हैं। उन्होंने ना केवल नकल माफियाओं व अवैध तरीके से नौकरी पाने वालों की गिरफ्तारी को लेकर खुलकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं बल्कि स्पष्ट कर दिया है कि नकल प्रकरण से जुड़ा व्यक्ति चाहे किसी भी स्तर पर हो सरकार किसी का भी लिहाज नहीं करेगी।

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