उत्तराखंड

छह महीने में उत्तराखण्ड की 501 अवैध मजारों पर चली जेसीबी

देखें वीडियो, चर्चित अवैध मदरसे को जेसीबी ने किया ध्वस्त

मदरसा संचालक भूमि के कागजात नहीं दिखा पाए

अभी तक तीन हजार एकड़ से अधिक वन भूमि अतिक्रमण मुक्त

नैनीताल। सरकारी जमीन पर निर्मित अवैध निर्माण कार्यों पर जेसीबी का कहर जारी है। उत्तराखण्ड के सीएम के निर्देश पर नैनीताल जिले में निर्मित अवैध मदरसे को तोड़ दिया गया। गौरतलब है कि 3237 एकड़ सरकार की जंगल भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। साथ ही 501 अवैध रूप से बनी मजारों को हटाया गया है और 52 मंदिर हटाये गए। दो गुरुद्वारे की दीवार भी हटाई गई। बीते दिनों चर्चा में आये जिले के वीरभट्टी में संचालित अवैध मदरसे को ध्वस्त कर दिया गया।

गुरुवार को प्रशासन ने अवैध मदरसे पर जेसीबी चलवा दी। यह मदरसा अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बना था।गौरतलब है कि बीते दिनों ज्योलीकोट के वीरभट्टी गांव के समीप एक अवैध मदरसे की शिकायत की गई थी। प्रशासन के मदरसे पर छापा भी मारा था। और फिर सील कर दिया तज। छापे के दौरान मदरसे में 24 नाबालिग छात्र बीमार पाए गए थे। बाद में स्थानीय प्रशासन ने मदरसे के संचालकों को नोटिस जारी किया था। और जमीन के कागजात दिखाने को कहा था। प्रशासन ने संचालकों को अवैध निर्माण तोड़ने को भी कहा था । लेकिन संचालकों ने अवैध निर्माण को नहीं तोड़ा। लिहाजा, गुरुवार को जेसीबी की मदद से अवैध मदरसा तोड़ दिया गया।

पढ़ें ,कब शुरू हुआ अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अभियान

उत्तराखंड की धामी सरकार ने जंगलों को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान पिछले अप्रैल से शुरू किया। अभी तक 3237 एकड़ सरकार की जंगल भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। साथ ही 501 अवैध मजारों को हटाया गया है। 52 ऐसे मंदिर जो कि कब्जे की नीयत से बनाये गये थे, उन्हें भी हटाया गया। दो गुरुद्वारों की दीवारों को भी हटाया गया जोकि जंगल की जमीन पर कब्जे की नीयत से बनाई गई थी।

नोडल अधिकारी डॉ पराग धकाते ने बताया कि इसी महीने वन गुज्जरों द्वारा तराई क्षेत्र में बनाये गए अवैध तीन मदरसों और दो मस्जिदों को भी हटाया गया है। वन विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान लगातार जारी है। 23 नदियों किनारे अवैध रूप से बसे लोगों का सत्यापन का काम चल रहा है,उन्हें नोटिस दिए जा रहे है। पश्चिम देहरादून में शक्ति नहर के किनारे और अन्य स्थानों को भी अतिक्रमण मुक्त किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *