15 साल से दवा का कारोबार कर रहे कश्मीरी पंडित को गोली मारकर किया घायल
जम्मू कश्मीर:- घाटी में हालात सामान्य करने के प्रयासों में एक बार फिर खलल डालने की कोशिश की गई है। इस बार शोपियां में एक कश्मीरी पंडित को गोली मारकर घायल कर दिया गया है। यह कश्मीरी पंडित 15 साल से तमाम परिस्थितियों को झेलते हुए शोपियां में दवा की दुकान चला रहे थे। घटना के बाद सुरक्षाबलों ने हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है जबकि सोनू नाम के कश्मीरी पंडित को श्रीनगर के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
द कश्मीर फाइल्स के साइड इफेक्ट्स घाटी में नजर आने लगे हैं। कश्मीरी पंडितों की व्यथा को लेकर बनी इस फिल्म को भले ही पूरे देश में शानदार कामयाबी मिली हो लेकिन कश्मीर में रहने वाले कश्मीरी पंडितों के लिए यह खतरे की घंटी भी बन गई है। कश्मीर साइज में दिखाई गई सत्यता से बौखलाए आतंकी संगठन घाटी में रह रहे कश्मीरी पंडितों को डराने का प्रयास कर रहे हैं। निश्चित तौर पर इस फिल्म के जारी होने के बाद कश्मीरी पंडितों में कहीं ना कहीं डर का माहौल बना हुआ है।
कश्मीर फाइल्स रिलीज होने के बाद पूरे देश में इन पर हुए अत्याचारों का सच जाना था तो वहीं एक उम्मीद बनी थी कि हो सकता है अब कश्मीरी पंडितों के वापस अपने घरों को लौटने का सिलसिला भी शुरू हो सकेगा लेकिन सोफिया में कश्मीरी पंडित पर गोलियां बरसा कर आतंकियों ने वापसी का मन बना रहे कश्मीरी पंडितों पर दहशत कायम करने की कोशिश की है।
इस घटना ने यह भी साबित कर दिया है कि घाटी में अभी पूरी तरह से आतंकवादियों का सफाया नहीं हुआ है और कहीं ना कहीं अभी भी पीओके आतंकियों की घुसपैठ का एक बड़ा अड्डा बना हुआ है। कश्मीरी पंडित अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता में है और उनका कहना है कि यदि ऐसे ही हालात रहे तो कौन इन परिस्थितियों में घर वापसी करने की हिम्मत जुटा पाएगा?
पूरे देश में मोदी सरकार आने के बाद घाटी के हालात बदलते हुए देखे हैं लेकिन एक बार फिर यहां माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। केंद्र सरकार को अब एक बार फिर बड़ा फैसला लेते हुए यहां सक्रिय हो रहे संगठनों को खदेड़ना होगा एवं आतंकियों के समूल नाश के लिए एक बड़ा ऑपरेशन अमल में लाने की जरूरत है। कश्मीरी पंडित पर गोलियां बरसा कर आतंकवादियों ने घाटी की सुरक्षा व्यवस्थाओं को खुलेआम चुनौती पेश की है।