अंतर्राष्ट्रीय

दशकों के सबसे ख़राब आर्थिक संकट से श्रीलंका जूझ रहा है, लोग बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे

दशकों के सबसे ख़राब आर्थिक संकट से श्रीलंका जूझ रहा है और सरकार ने इस संकट से उबरने के लिए जिस तरह का रवैया अख़्तियार किया है उसके ख़िलाफ़ लोग बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे हैं। श्रीलंका में कर्फ्यू लागू है लेकिन कई शहरों में लोगों ने कर्फ्यू का उल्लंघन किया है और सड़कों पर नज़र आए।

राजधानी कोलंबो में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच कुछ घंटों तक गतिरोध देखने को मिला, बाद में भीड़ शांतिपूर्ण तरीक़े से तितर-बितर हो गई। लेकिन कैंडी शहर में पुलिस ने छात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछार की।

बता दें कि शुक्रवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास के पास झड़प होने के बाद 36 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया गया है। सड़कों पर निकलने, पार्क में, ट्रेन में या समंदर के किनारे जाने पर पाबंदी है। अगर अधिकारियों से लिखित अनुमति मिली हो तो ही जाया जा सकता है। सोशल मीडिया को भी अस्थायी तौर पर ब्लॉक कर दिया गया है। ये कर्फ्यू सोमवार को 6 बजे तक लागू रहने वाला है।

साल 1948 में ब्रिटेन से आज़ादी के बाद से श्रीलंका का अबतक का ये सबसे बड़ा आर्थिक संकट बताया जा रहा है। ईंधन आयात के लिए ज़रूरी विदेशी मुद्रा में भारी कमी इसकी बड़ी वजह है। देश अब बिजली कटौती, खाने पीने के सामान, ईंधन और दवाओं की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में लोगों का सरकार के लिए गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है।

साल 2019 में बहुमत के साथ सत्ता में आए गोटबाया राजपक्षे की लोकप्रियता में भी भारी गिरावट आई है। चुनाव के वक्त उन्होंने स्थिरता और मजबूत सरकार का वादा किया था।

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