उत्तराखंड

ज्ञानवापी में सर्वे जारी: एएसआई टीम के अलावा 16 लोगों को परिसर में जाने की इजाजत, मुस्लिम पक्ष ने बायकॉट किया; टीम और इजाजत के बारे में जानें।

उत्तर प्रदेश : Gyanvapi Masjid साल 2021 में पांच महिलाओं ने वाराणसी के सिविल जज के सामने एक याचिका दाखिल कर मस्जिद के साथ में स्थित श्रंगार गौरी की रोजाना पूजा और दर्शन करने के लिए अनुमति की मांग की थी।

ज्ञानवापी के हर 300 मीटर पर लगाए गए वज्र वाहन

सर्वे के चलते ज्ञानवापी के हर 300 मीटर पर वज्र वाहन लगाए गए और आरएएफ के जवानों को काशी विश्वनाथ मंदिर के सभी गेट्स पर तैनात किया गया है।  एटीएस के कमांडो ने सभी दरवाजों पर मोर्चा संभाला हुआ है।

जुमे की नमाज के बाद भी हो सकता है सर्वे का काम

प्रशासन की तरफ से जानकारी दी गई कि 3 से 5 के बीच की अवधि में मस्जिद परिसर में नमाज नहीं होती और अगर टीम सेकंड शिफ्ट में भी सर्वे करना चाहेगी तो प्रशासन उसकी व्यवस्था कर देगा। अगर कोई अड़चन नहीं हुई तो आज जुमे की नमाज के बाद सेकंड शिफ्ट में भी सर्वे का काम हो सकता है।

जुमे की नमाज की वजह से सर्वे आज दोपहर 12:00 बजे खत्म हो जाएगा। हालांकि, टीम ने 2 शिफ्ट में काम करने की भी इच्छा जताई है। उन्होंने प्रशासन से पूछा कि क्या जुमे की नमाज के बाद दोपहर 3:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक 2 घंटे सर्वे किया जा सकता है।

हाईकोर्ट में ASI ने कहा था, 5 दिन में पूरा हो जाएगा सर्वे

आलोक त्रिपाठी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने आज रोक नहीं लगाई तो सर्वे का काम दो हफ्ते में पूरा होगा। काम पूरा होने में इससे भी ज्यादा का वक्त लग सकता है। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में आलोक त्रिपाठी ने कहा था कि सर्वे 5 दिनों में पूरा हो सकता है। ऐसे में उम्मीद यह लगाई जा रही थी कि आज से शुरू हुआ सर्वे 4 से 5 दिनों में खत्म हो जाएगा।

सर्वे टीम ने वाराणसी जिला प्रशासन को बताया कि वह तकरीबन 2 हफ्ते तक सर्वे का काम करना चाहते हैं। टीम को लीड कर रहे एएसआई के एडिशनल डायरेक्टर आलोक त्रिपाठी ने वाराणसी प्रशासन को बताया कि सर्वे का काम पूरा होने में दो हफ्ते का वक्त लग सकता है।

ASI टीम के अलावा 16 अन्य लोगों को भी परिसर में जाने की इजाजत

ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान ASI की टीम के अलावा 16 अन्य लोगों को अंदर जाने की इजाजत है। इनमें मुस्लिम पक्ष से 9 और हिंदू पक्ष के सात लोग शामिल हैं। हालांकि, मुस्लिम पक्ष सर्वे का बहिष्कार कर रहा है। हिंदू पक्ष से सारे लोग अंदर गए हुए हैं।

परिसर के आंगन में सील वजूखाने को बाहर से देख रही टीम

सर्वे टीम अभी ज्ञानवापी परिसर के सबसे बाहरी हिस्से यानी आंगन में है। टीम आंगन में सील वजूखाने को बाहर से देख रही है। पिछली बार की टीम में मामूली बदलाव भी किया गया है।

सर्वे के चलते परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। 300 मीटर के दायरे में बैरिकेड लगाकर सुरक्षा बढ़ाई गई और 2 आईपीएस, 4 एडिशनल एसपी, 6 डिप्टी एसपी और 10 पुलिस इंस्पेक्टर के अलावा करीब 200 पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया है।

जिला अदालत को आज की सुनवाई में दी जा सकती है ये जानकारी

जिला अदालत की सुनवाई में एएसआई की तरफ से कोर्ट को इस बात की जानकारी दी जा सकती है कि सुप्रीम कोर्ट और बाद में हाई कोर्ट की रोक की वजह से सर्वे पूरा नहीं किया जा सका। कोर्ट को यह भी बताया जा सकता है कि सर्वे कितने दिनों में पूरा होगा और कब तक रिपोर्ट दाखिल की जा सकती है।

जिला जज अजय विश्वेश की कोर्ट में आज सुनवाई होगी। 21 जुलाई के आदेश में जिला जज ने एएसआई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर आज यानी 4 अगस्त को रिपोर्ट देने को कहा था, लेकिन पहले सुप्रीम कोर्ट और बाद में हाई कोर्ट की रोक की वजह से सर्वे का काम पूरा नहीं किया जा सका था।

एएसआई की 51 सदस्यीय टीम ने शुरू किया काम

ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के लिए एएसआई की टीम पहुंच चुकी है। टीम के 51 सदस्यों ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। इस दौरान, मुस्लिम पक्ष के अलावा सभी संबंधित पक्ष मौजूद हैं।

पृष्ठभूमि

Gyanvapi Mosque Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे शुक्रवार (4 अगस्त, 2023) से शुरू हो गया। आर्कियोलॉजिल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) की टीम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर पर किया गया।  वाराणसी जिला अदालत के जज अजय कृष्ण विश्वेश ने 21 जुलाई से परिसर के एएसआई सर्वे को इजाजत दी थी और 4 अगस्त को सर्वे की रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा था।

जिस दिन सर्वे शुरू होना था, उसी दिन मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया कमेटी फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। कोर्ट ने 26 जुलाई तक के लिए सर्वे पर अंतरिम रोक लगा दी और मुस्लिम पक्ष से इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करने को कहा। 27 जुलाई को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 3 अगस्त को जस्टिस प्रितिंकर दिवाकर की पीठ ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और जिला अदालत के फैसले को न्याय संगत एवं सही बताते हुए सर्वे को मंजूरी दे दी। उधर, हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए मुस्लिम पक्ष ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

साल 2021 में लक्ष्मी देवी, मंजू व्यास, सीता साहू, रेखा पाठक और राखी सिंह ने श्रंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान और नंदी की रोजाना पूजा-अर्चना और दर्शन के लिए अनुमति मांगी थी। उन्होंने यह भी कहा कि विवादित ज्ञानवापी क्षेत्र में मौजूद मूर्तियों के साथ कोई छेड़छाड़ न की जाए और मुस्लिम पक्ष को मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने से रोका जाए। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर ने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी और उसके आसपास के हिस्से की वीडियोग्राफी करने का आदेश दिया था। इसका मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया, जिसके बाद सर्वे बीच में ही रुक गया।

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